लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक स्थायी समाधान पर काम कर रही है और कहा कि वे “हमारा भविष्य बनने जा रहे हैं”। योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह में यह बात कही, जहां उन्होंने सहकारी गन्ना समितियों और सहकारी चीनी मिल समितियों के साथ पंजीकृत 50.10 लाख (5.01 मिलियन) किसानों को उनके कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए शेयर प्रमाण पत्र वितरित किए।
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में लोक भवन में किसानों को संबोधित करते हुए कहा की, किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रहे हैं और उनके कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए हमारे सभी प्रयास किए गए हैं। हमारे किसान अब न केवल भागीदार बनने की राह पर हैं, बल्कि उस प्रणाली के मालिक भी हैं जिससे वे जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, मैं अपने सभी ‘अन्नदाता’ के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने अलग-अलग मौसमों में प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद राज्य को शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, गन्ना किसान हमारा भविष्य बनने जा रहे हैं। आने वाले समय में कोई भी चीनी मिल घाटे में नहीं रहेगी और सरकार उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के स्थायी समाधान पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि, गन्ने का इस्तेमाल चीनी बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए प्रचुर मात्रा में एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए भी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को सीधे 1.77 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया है, जो कई राज्यों के वार्षिक बजट से लगभग तीन गुना अधिक है और 2007 और 2017 के बीच किसानों को किए गए भुगतान से कहीं अधिक है। उन्होंने यह भी दावा किया की, ज्यादातर चीनी मिलों ने समयबद्ध तरीके से अपना भुगतान कर दिया है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रहे हैं कि सभी मिलें ऐसा ही करें। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास) संजय आर भूसरेड्डी उपस्थित थे।