मिलों द्वारा बेची गयी चीनी के मूल्य का 85 प्रतिशत पैसा गन्ना मूल्य के रूप में जायेगा किसानों के खातों में

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मुज़फ़्फ़रनगर, 10 जून, उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर में चल रहे गुड महोत्सव में दूसरे दिन किसानों का महोत्सव के प्रति ख़ासा क्रेज़ दिखा। हज़ारों की तादाद में आए किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि सूबे की सरकार गन्ना किसानों के हित में काम करते हुए सौ फ़ीसदी ‘जनपद एक उत्पाद योजना’ को अमली पहनाने का काम कर रही है।

मंत्री ने कहा कि ये गुड़ महोत्सव योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। उन्होंने ने कहा कि हम ये दावा नहीं करते हैं कि हमने गन्ना किसानों की समस्या को 100 प्रतिशत हल कर दिया है, लेकिन ये दावा अवश्य करते हैं कि हमने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए सच्चे मन से 100 प्रतिशत प्रयास किए हैं। गन्ना मंत्री ने यूपी की योगी सरकार के गन्ना किसानों के हित में उठाये गये महत्वपूर्ण कार्यों को गिनाते हुए कहा कि आजादी के बाद ये पहली बार हुआ है कि गन्नों किसानों के लिए ढुलाई का भाड़ा कम किया गया है। उन्होंने बताया कि अब किसानों से गन्ना ढुलाई का भाड़ा दो रूपये प्रति किलोमीटर लिया जायेगा, जो पहले की अपेक्षा आधा होगा। इसी प्रकार गन्ना मूल्य के भुगतान में आ रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब चीनी मिलों द्वारा बेची गयी चीनी के मूल्य का 85 प्रतिशत पैसा गन्ना मूल्य के रूप में किसानों के खातों में जायेगा। उन्होंने बताया कि चालू गन्ना सीजन का लगभग 70 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है, जो अपने आपमें एक कीर्तिमान है।

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि विगत वित्तीय वर्ष अकेले गन्ना विभाग ने ही 155 सड़कें बनाकर एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने भी इसमें गम्भीरता दिखाते हुए 300 करोड़ का बजट रिलीज किया था। सुरेश राणा ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह व किसानों के नेता महेन्द्र सिंह टिकैत को याद करते हुए कहा कि उन्हीं के आदर्शों के अनुरूप केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में चीनी मिल से गन्ना क्रेशर की दूरी की अनिवार्यता 10 किलोमीटर से घटाकर 7.5 किलोमीटर कर दी गयी है, इससे ग्रामीण कुटीर उद्योग के रूप में और अधिक केन क्रैशर स्थापित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सरकार द्वारा 83 केन क्रैशर के लाईसेंस जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अब हर हालत में मात्र 100 घंटों में अनिवार्य रूप से लाईसेंस करने की नीति अमल लाई गयी है, इससे भ्रष्टाचार पर स्वतः ही अंकुश लग जायेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने खड़ा-पड़ा कोल्हू के अन्तर को खत्म करते हुए कोल्हूओं को लाईसेंस से मुक्त कर दिया है। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए आयोजित किये गये गुड़ महोत्सव 2019 का मुख्य उद्देश्य गुड़ उत्पाद को संगठित कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित करके गुड़ को चीनी से आगे ले जाना का प्रयास है।

गुड. महोत्सव के दौरान आधुनिक तकनीक से हर्बल खेती करने वाले प्रगतिशील किसानो, हर्बल एवं उन्नतशील तकनीक से गुड़ बनाने वाले किसानों, सबसे अधिक मंडी टैक्स का भुगतान करने वाले गुड़ व्यापारियों व आधुनिक तकनीक के कोल्हू का निर्माण करने वाले मैन्यूफैक्चर्र को सम्मानित भी किया गया।

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