Budget 2023: ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि-स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए कृषि त्‍वरक कोष बनाया जाएगा

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि उच्‍च मूल्‍य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्‍त गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्‍धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से 2200 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ एक आत्‍मनिर्भर स्‍वच्‍छ पौध कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों के कृषि-स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए एक कृषि त्‍वरक कोष बनाया जाएगा। इस कोष के जरिए किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव एवं किफायती समाधान पेश किए जाएंगे, और इसके साथ ही यह कोष खेती-बाड़ी करने के तौर-तरीकों में व्‍यापक बदलाव लाने, और उत्‍पादकता एवं लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियां भी पेश करेगा।

मिलेट का उल्‍लेख ‘श्री अन्‍न’ के रूप में करते हुए वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘भारत मिलेट्स को लोक‍प्रिय बनाने में सबसे अग्रणी है जिसकी खपत से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों का अपेक्षाकृत ज्‍यादा कल्‍याण संभव हो पाता है।’ वित्त मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि भारत पूरी दुनिया में ‘श्री अन्‍न’ का सबसे बड़ा उत्‍पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, और कई प्रकार के मिलेट जैसे कि ज्‍वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, कुडो, चीना, और सामा देश में उगाए जाते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इनके उपयोग से लोगों को कई तरह के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलते हैं।

वित्त मंत्रालय ने इन फसलों को उगाकर देश के साथी नागरिकों के अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य में उल्‍लेखनीय योगदान करने के लिए छोटे किसानों द्वारा की जा रही सेवा को बड़े गर्व के साथ स्‍वीकार किया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को मिलेट्स का एक वैश्विक केन्‍द्र बनाने के लिए भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्‍थान, हैदराबाद को उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र के रूप में आवश्‍यक सहयोग दिया जाएगा, ताकि खेती-बाड़ी के सर्वोत्तम तौर-तरीकों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर साझा किया जा सके।

श्रीमती सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण एक ओपन सोर्स, ओपन स्‍टैंडर्ड और अंतर परिचालन सार्वजनिक ढांचे के रूप में किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘इससे फसल नियोजन एवं फसल वृद्धि के लिए संबंधित सूचना सेवाओं के जरिए समावेशी, किसान केन्द्रित समाधान संभव हो पाएंगे, कृषि संबंधी कच्‍चे माल, ऋण एवं बीमा तक लोगों की पहुंच बढ़ेगी, फसल आकलन, बाजार सूचना के लिए मदद मिलेगी और कृषि-तकनीक उद्योग और स्‍टार्टअप्‍स के विकास के लिए आवश्‍यक सहयोग मिलेगा।’

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि ऋण लक्ष्‍य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा और इसके तहत पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन पर फोकस किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ ‘पीएम मत्‍स्‍य संपदा योजना’ नामक एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी, ताकि मछुआरों, मत्‍स्‍य वेंडरों, और सूक्ष्‍म एवं छोटे उद्ययमों की संबंधित गतिविधियों को तेज किया जा सके, मूल्‍य श्रृंखला की क्षमता बढ़ाई जा सके और इसके साथ ही बाजार का विस्‍तारीकरण किया जा सके।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अतिरिक्‍त लंबे रेशे वाली कपास की उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए एक क्‍लस्‍टर-आधारित और मूल्‍य श्रृंखला अवधारणा अपनाई जाएगी। वित्त मंत्री ने इस बारे में स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि इसका मतलब यही है कि इससे कच्‍चे माल की आपूर्ति, विस्‍तार सेवाओं, और बाजार से जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए किसानों, राज्‍य और उद्योग के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा।

(Source: PIB)

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