अन्न भाग्य योजना: कर्नाटक सरकार चावल की बजाय देगी नगद

बेंगलुरु (कर्नाटक),भारत: कर्नाटक सरकार को ज्यादा मात्रा में चावल की आपूर्ति करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए कर्नाटक सरकार ने यह निर्णय लिया है कि ‘अन्न भाग्य’ योजना के अंतर्गत वादा के अनुसार पात्रताओं को 5 किलो अतिरिक्त चावल के स्थान प्रति किलो 34 रुपये नगद प्रदान किए जाएंगे।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत जनता को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के माध्यम से प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल देने का वादा किया था।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि, जब तक राज्य सरकार चावल खरीदने के सक्षम नहीं हो रही है, 5 किलो चावल (प्रति किलो 34 रुपये) के स्थान पर लाभार्थियों के खाते में 170 रुपये क्रेडिट किए जाएंगे।

आज विधान सौध में मीडिया के संदर्भ में बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, राज्य जब चावल खरीदने में सक्षम हो जाएगा, तब बीपीएल और अंथ्योदय कार्ड धारकों को धन की जगह चावल वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा जनता से किए गए वादे से पीछे न हटने की इच्छा के साथ इस निर्णय को कैबिनेट द्वारा लिया गया है।

आगे उन्होंने बताया की, राज्य में भाजपा को केंद्र से गरीबों को चावल देने के बारे में बात करनी चाहिए थी। मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्य खाद्य मंत्रियों से मिलकर उन्हें चावल आपूर्ति करने की विनती की है। एनसीसीएफ, एनएफईडी और केंद्रीय भंडारा, इन तीन संगठनों ने चावल की आपूर्ति के लिए निर्धारित मूल्य को बढ़ा दिया है। एनसीसीएफ ने 32.94 रुपये का सुझाव दिया और हमने 32.24 रुपये मांगे है। खुले बाजार में चावल खरीदने के लिए प्रशासनिक रूप से टेंडर बुलाए जा रहे हैं।

हालांकि, सिद्धारमैया ने वादा किया है कि 1 जुलाई से लाभार्थियों को चावल प्रदान किए जाएंगे और यह भी बताया ही की राज्य को प्रतिमास आवश्यक मांग को पूरा करने के लिए 2,29,000 मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता होती है।

पिछले माह, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पहले मानदंडों के अनुसार आवश्यक मात्रा में चावल आपूर्ति करने की मंजूरी दी थी, लेकिन उन्होंने बाद में बाजार हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त स्टॉक रखने की आवश्यकता बताकर अपना फैसला बदल दिया।

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