भारत को छोटे और सीमांत किसानों के लिए मशीनरी और तकनीकों की जरूरत है: कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने 7वीं अंतरराष्ट्रीय ईआईएमए एग्रीमैक इंडिया- 2022 प्रदर्शनी और सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “भारत के एक खाद्य अधिशेष (सरप्लस) देश बनने के साथ भारतीय किसानों को अपने उत्पादन के विस्तार व निर्यात क्षमता वाले मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए सस्ती मशीनरी और तकनीकों की जरूरत है।”

कल सुश्री शोभा करंदलाजे के साथ कर्नाटक के बृहद् व मध्यम उद्योग मंत्री श्री मुरुगेश आर निरानी और बागवानी, योजना व सांख्यिकी मंत्री श्री मुनिरत्न ने बेंगलुरू में तीन दिवसीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राज्य मंत्री करंदलाजे ने उपकरण निर्माताओं और तकनीक डेवलपर्स को कृषि व बागवानी उत्पादों की मूल्य वृद्धि के अभाव में बड़े पैमाने पर इसके बर्बादी को रोकने के लिए खाद्य प्रसंस्करण मशीनरी का निर्माण करने को लेकर प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की बर्बादी करने की जगह सीमित खाद्य उत्पादन वाले देशों को इसका निर्यात किया जा सकता है। सुश्री करंदलाजे ने कहा, “देश को अब जिस चीज की जरूरत है, वह सस्ती व गुणवत्तापूर्ण खाद्य प्रसंस्करण, कृषि- विपणन और कृषि- निर्यात हैं।” उन्‍होंने रेखांकित किया कि साल 2023 अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष होने के साथ भारत इसके निर्यात में बढ़ोतरी कर सकता है, क्योंकि देश बाजरा के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।

वहीं, अपने संबोधन में श्री मुरुगेश आर निरानी ने कहा कि तकनीक में सुधार, इसे अपनाने और निर्यात के लिए अधिक प्रयासों की जरूरत है। इसके अलावा मंत्री ने राज्य में छोटी जोत को देखते हुए विदेशी उद्योग प्रतिभागियों को सस्ती मशीनीकृत कृषि को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया।

ईआईएमए एग्रीमैक इंडिया- 2022 का यह 7वां संस्करण है और इसे पहली बार बेंगलुरू में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन के लिए देशों के 40 से अधिक प्रतिभागियों को पंजीकृत किया गया है। इन तीन दिनों में 10,000 से अधिक किसान, उद्योग प्रतिभागी, विदेशी प्रतिनिधि, निवेशक, कृषि शोधकर्ता व छात्र इस प्रदर्शनी को देखेंगे और सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

(Source: PIB)

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