भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, कृषि क्षेत्र को आयात के लिए खोलने का विरोध किया : कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल (मध्य प्रदेश): केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के हितों और कल्याण की रक्षा के लिए अमेरिका द्वारा हाल ही में टैरिफ बढ़ाए जाने के बावजूद, भारत ने कृषि उत्पादों के आयात की अनुमति नहीं दी है। ‘भारतीय विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान’ (IISER) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, चौहान ने कहा, अर्थव्यवस्था चौथे स्थान पर है। बहुत जल्द हम तीसरे स्थान पर पहुँच जाएँगे।हमें 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य पूरा करना है।

अमेरिका से कृषि उत्पादों के आयात की अनुमति न देने के बारे में विस्तार से बताते हुए, चौहान ने कहा, भारत ने पहले राष्ट्रहित में निर्णय लिया। कोई भी समझौता देश के हित के विरुद्ध नहीं होगा। हम किसानों, मछुआरों और अन्य कृषि क्षेत्रों के लोगों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। चौहान ने यह भी कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने 144 करोड़ नागरिकों से भारतीय उत्पादों का उपयोग करने की अपील की थी। अमेरिका चाहता है कि, हम उनके कृषि उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोलें… वे जीएम बीजों से कई हेक्टेयर जमीन पर खेती करते हैं और सब्सिडी पाते हैं। हमारे छोटे किसान इस प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर सकते थे।अमेरिका को लगा कि हम डर जाएंगे, लेकिन यह आज का भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है।

इसके अलावा, कृषि मंत्री ने स्नातक शोधकर्ताओं से किसानों के लिए कीटनाशकों और उर्वरकों की गुणवत्ता की जाँच करने के लिए एक उपकरण का आविष्कार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमने एक कृषि संकल्प अभियान चलाया। किसानों ने हमें बताया है कि कई बार यह स्पष्ट नहीं होता कि उनके साथ आने वाले उर्वरकों और कीटनाशकों में आवश्यक तत्व हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि, उन्हें पता चला है कि भारत में लगभग 30,000 उत्पाद बेचे जा रहे हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि वे कृषि उपज को बढ़ावा देने वाले जैव-उत्तेजक हैं। उन्होंने कहा कि, इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई प्रोटोकॉल या वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

चौहान ने कहा, इसके बाद हमने एक प्रोटोकॉल बनाया जिसके तहत वैज्ञानिकों को यह प्रदर्शित करना था कि ये दवाएँ फसलों की वृद्धि में सहायक हो सकती हैं। 30,000 उत्पादों में से, 22,000 नमूने संबंधित कंपनियों द्वारा परीक्षण के लिए भेजे ही नहीं गए और शेष में से केवल 642 उत्पाद ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने में कारगर पाए गए। कृषि मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि, लोगों को भारत में बने उत्पादों का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। भारत की प्रतिभा पर प्रकाश डालते हुए, चौहान ने कहा, भारत कोई नया राष्ट्र नहीं है, यह हज़ार साल पुराना है। जब दुनिया अंधकार में थी, तब भारत ने प्रकाश दिया। हमारा विज्ञान और तकनीक अत्यधिक उन्नत थी। देश के पास पुष्पक विमान था, जिसका उल्लेख महाभारत में मिलता है।

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