वायदा कारोबार में कच्ची चीनी की कीमतें लुढकी

न्यूयॉर्क  : चीनी मंडी 
वायदा कारोबार में सोमवार को कच्चे चीनी की दर तीन साल के निचले स्तर को यांनी के 10.21 सेंट / एलबी (225.0 9 / एमटी) तक पहुंची।  दुनियाभर में रिकॉर्ड स्तर पर चीनी उत्पादन की सम्भावना, कमजोर ब्राजीलियाई करन्सी और मध्य-दक्षिण ब्राजील में भारी बारिश और यूरोप में सूखे की आशंका के चलते कच्ची चीनी का दर फिसलते दिखाई दिया । इससे पहले 24 अगस्त, 2015 को  वायदा कारोबार में कच्चे चीनी की दर  10.13 सेंट / एलबी था।
शुक्रवार से ही दिख रहा असर
आईसीई के आंकड़ों से पता चलता है कि, बाज़ार का बेअरिश ट्रेंड, तकनीकी  वीकनेस के कारण कच्ची चीनी की दर  शुक्रवार से ही  गिरनी शुरू हुई थी। शुक्रवार को  फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स में 30 अंको  (0.30 सेंट / एलबी) की गिरावट देखी गई थी और  सोमवार को दरें और 24 फिसल कर तीन साल के निचले स्तर पर पहुँच गई।
भारत से संभाव्य चीनी निर्यात का भी दबाव
2018-2019 (अक्टूबर-सितंबर) सत्र में भारत का चीनी का उत्पादन  34 – 34.5 मिलियन टन है, इतना  रिकॉर्ड स्तर  को पार करने की संभावना है। इसीके चलते इंडियन शुगर मिलर्स एसोसिएशन ने पिछले हफ्ते सरकार से अगले सीजन के करीब 6 मिलियन -7 मिलियन मीटर के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया था। इन दोनों घटनाओं ने भी वैश्विक चीनी की कीमतों पर दबाव डाला है।
इसके अलावा, ब्राजील के वीएचपी की चीनी की कम  मांग ने बाजार में मंदी को और मजबूत किया है। प्लेट्स Analytics डेटा के अनुसार, 12 अगस्त को  ब्राजील के बंदरगाहों में  948,302 मेट्रिक टन चीनी लोड की जा रही थी, जो पिछले साल की समान अवधि में 2.2 मिलियन टन से कम था और 2010-2011 के बाद  सबसे कम था।
 
7 अगस्त से बेअरिश ट्रेंड
ट्रेडर्स रिपोर्ट के अनुसार बाजार सूत्रों ने कहा की, तकनीकी रूप से, फ्रंट-एनवाई एनवाई नं। 11 वायदा  कारोबार में  11 सेंट / एलबी का उपरी स्तर तोड़ने में नाकाम रहे,  इसलिए चलते शॉर्ट कवरिंग की संभावना नही दिख रही है । 26 जून को फंड हाउसेस ने केवल 4,340 लॉट से बढ़ोतरी की है, जो 12 अगस्त, 2017 के बाद सबसे छोटी मात्रा है, 7 अगस्त को 132,331 लॉट (6.72 मिलियन टन) की शॉर्ट पोजीशन बन गई थी।
ब्राजीलियाई करन्सी के कमजोरी के चलते  चीनी की कीमतों पर दबाव बढ़ा दिया है। 6 अगस्त को चुनावी बहस के पहले करन्सी कमजोर होनी शुरू हो गई थी और उसमे स्पष्टता की कमी ने  करन्सी को और भी  कमजोर कर दिया, सोमवार को डॉलर के मुकाबले 3.9123  गिरावट आगयी जो सप्ताह दर सप्ताह 4.88% हो गयी। कच्चे चीनी की कीमतों में कमजोरी सिर्फ कीमतों में ही नहीं बल्कि एनवाई वायदा बाज़ार में भी दिखाई दे रही है।
भारत 600,000 मिलियन टन कच्ची चीनी निर्यात करने की उम्मीद
एक व्यापारी ने कहा,  वायदा बाज़ार की निगाहे अब इस पर टिकी है की वायदा कारोबार में कच्चे चीनी की दर  10.13 सेंट / एलबी   10.13 सेंट के निचे फिसलकर  कीमतें एक डिजिट अंकों को हिट करेंगी या नहीं। आईसीई के आंकड़ों से पता चला कि आखिरी बार जून महीने में फ्रंट-महीने अनुबंध एक डिजिट  पर था, जब यचीनी की दर वायदा बाज़ार में  9.44 सेंट / एलबी तक निचे फिसल गई थी । एक व्यापारी ने कहा, जब भारत कच्ची चीनी निर्यात शुरू कर देगा तब  “एनवाई नं। 11 [फ्रंट-महीने वायदा] निश्चित रूप से एक डिजिट तक पहुँच  जाएंगे, । बाजार में चीनी की जादा उपलब्धता और कम मांग से  चीनी की दर  7-8 सेंट / एलबी हिट करने की आशंका अभी से जताई जा रही है।” प्लेट्स एनालिटिक्स डेटा  के अनुसार, भारत 2018 के  क्वाटर  ४ और 2019  क्वाटर  १ के बीच 600,000 मिलियन टन कच्ची चीनी निर्यात करने की उम्मीद है।
SOURCEChiniMandi

1 COMMENT

  1. Sugar me utpadan jada hone ke karan mandi dikhai degi. Kisan ke liye Govt koi niti banaye. Sugar mill walone hamesha kisanoki lut ki hi. Gst Amal par vishesha laxa dena jaruri hi. Gst choroko pakdna chahia.

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