गन्ना किसानों ने बकाया पाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

चेन्नई : द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चेन्नई स्थित अरुण शुगर लिमिटेड को गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसानों को देय 110 करोड़ बकाया राशि जारी करने के लिए तमिलनाडु सरकार को निर्देश देने के लिए एक किसान कार्यकर्ता ने मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया है। नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अय्याकन्नू ने यह भी मांग की है कि, अदालत राज्य सरकार को किसानों के नाम पर कंपनी द्वारा ‘धोखाधड़ी’ से प्राप्त किए गए ऋणों का निर्वहन करने का निर्देश दे।

याचिकाकर्ता अय्याकन्नू के अनुसार, चीनी मिल कुड्डालोर के ए-सिथुर गांव में स्थित है। मिल की स्थापना के बाद से ही गांव के किसानों को मिल को गन्ना आपूर्ति करने के लिए चिन्हित किया गया था। हालांकि किसान नियमित रूप से गन्ने की आपूर्ति कर रहे थे, लेकिन मिल ने 2013 से 2018 तक कई भुगतानों में चूक की।उन्होंने कहा, 7,000 से अधिक किसानों ने लगभग 110 करोड़ मूल्य के 11.8 लाख टन गन्ने की मिल को आपूर्ति की थी। मिल बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रही है। इसके अलावा, मिल ने 1,200 किसानों के नाम पर 19.77 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।

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