महाराष्ट्र में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के साथ मिलों के सामने भंडारण की समस्या

महाराष्ट्र में इस सीजन में रिकॉर्ड गन्ना और चीनी उत्पादन हुआ है, लेकिन इस रिकॉर्ड के साथ मिलों के सामने चीनी भंडारण की समस्या पैदा हुई है। महाराष्ट्र में 03 अप्रैल 2022 तक 1157.31 लाख टन गन्ने की पेराई और 120.44 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जो कि राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक पेराई है। इस सीजन में रिकवरी की औसत दर पिछले सीजन के 10.47 प्रतिशत की तुलना में 10.41 प्रतिशत दर्ज की गई है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि के कारण राज्य में लगभग 128 से 130 लाख टन चीनी का सर्वकालिक उच्च उत्पादन होने का अनुमान है। पिछले वर्ष चीनी का उत्पादन 107 लाख मीट्रिक टन दर्ज किया गया था। जितना चीनी उत्पादन बढ़ेगा, उतनी चीनी भंडारण समस्या गंभीर होने की संभावना है।

महाराष्ट्र में घरेलू बिक्री पर निर्भर चीनी मिलों को अधिक उत्पादन के कारण भंडारण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि गन्ने की पेराई अभी भी चल रही है, उत्पादित चीनी के भंडारण का मुद्दा कुछ मिलों के लिए एक समस्या है। आगामी सीजन में गन्ने का अधिक उत्पादन होने की संभावना है।

PTI में प्रकाशित खबर के मुताबीक, National State Cooperative Sugar Factories Federation के प्रमुख जयप्रकाश दाडेगवकर ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में घरेलू बिक्री पर निर्भर चीनी मिलों को अधिक उत्पादन के कारण भंडारण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा, चूंकि गन्ने की पेराई अभी भी चल रही है, उत्पादित चीनी के भंडारण का मुद्दा कुछ मिलों के लिए एक समस्या है जो घरेलू बाजार को आपूर्ति करते हैं। जालना, परभणी और मराठवाड़ा के कुछ अन्य हिस्सों की मिलों में भंडारण की जगह है क्योंकि उनकी चीनी का निर्यात किया जाता है।

उन्होंने कहा की भंडारण से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए हमें अगले पेराई सत्र से तीन महीने पहले योजना बनानी होगी।

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