IoTechWorld एविगेशन कृषि ड्रोन निर्माता द्वारा स्थापित किये जायेंगे पांच राज्यों में पायलट प्रशिक्षण केंद्र

भारतीय कृषि ड्रोन निर्माता, IoTechWorld एविगेशन ने सोमवार को जुलाई तक पांच राज्यों में सात दूरस्थ पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) स्थापित करने का एलान किया। कंपनी ने इस वित्तय वर्ष 2023-24 में 3,000 ड्रोन की बिक्री करने का लक्ष्य रखा है। जबकि पिछले साल सिर्फ 500 की बिक्री की गई थी।

कंपनी ने यह जानकारी देते हुए बताया की जून के महीने के में, उनमे से तीन गुरुग्राम (हरियाणा), चिकबल्लापुर (कर्नाटक), और समस्तीपुर (बिहार) में आएंगे और दो राजमुंदरी और विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश में जुलाई से परिचालन शुरू करेंगे। फ़िलहाल कंपनी ने RPTOs के लिए कई विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों से सहयोग ले रही है साथ ही यह भी जेकरि दी गई है की कंपनी नए RPTOs भी प्रमुख संगठनों के साथ साझेदारी में खोले जा सकते है।

साथ ही इस बिक्री के बाद सेवा और अपने को बढ़ाने के लिए कंपनी प्रशिक्षण केंद्रों के अलावा, कोल्हापुर, महाराष्ट्र में कृषि-ड्रोन के लिए एक नया सेवा केंद्र भी खोलेगी।

कंपनी ने यह भी कहा की, अधिक सेवा केंद्र होने से, कंपनी ग्राहकों की जरूरतों को जल्दी पूरा कर सकेगी। साथ ही कंपनी के सह-संस्थापक और निदेशक दीपक भारद्वाज ने यह भी कह की आगामी RPTOs में से दो इस महीने काम करने लगेंगे। जो घरौंदा (हरियाणा) और जोबनेर (राजस्थान) में स्थित होंगे।

कंपनी के दूसरे सह-संस्थापक और निदेशक अनूप उपाध्याय ने कहा हम अपनी योजनाओं के बारे में उत्साहित हैं और मानते हैं कि वे भारत में कृषि-ड्रोन बाजार में IoTechWorld की स्थिति को मजबूत करेंगे। कंपनी अपने मूल्यवान ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि-ड्रोन और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने के साथ-साथ ग्रामीण युवाओं के लिए नौकरी के अवसर करेगी।

कंपनी ने अप्रैल में कहा था कि वह पहले से ही कई देशों में संभावित खरीदारों के साथ बातचीत कर रही है। 2017 में स्थापित यह कंपनी अपने उत्पाद की पेशकश में विस्तार की योजना बना रही है साथ ही पूरे भारत में अपने नेटवर्क का लाभ उठाने और रूस, अफ्रीका, ब्राजील और सार्क क्षेत्र में नए बाजारों में भी प्रवेश करने का विचार कर रही है।

कंपनी यह दवा क्र रही है की ड्रोन कम से कम 70 प्रतिशत भारतीय कंपोनेंट्स से बना है और कृषि क्षेत्र में ड्रोन को स्वीकारना किसानों के लिए अत्यधिक किफायती माना जायेगा क्योंकि वे काफी अधिक फसल की पैदावार प्राप्त करते हुए एग्रोकेमिकल्स, उर्वरकों और पानी के छिड़काव की महत्वपूर्ण राशि बचा सकते हैं।

केंद्र सरकार किसानों की मदद के लिए कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी फोकस कर रही है। कृषि ड्रोन की खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय सहायता का भी प्रावधान बनाया गया है। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने 2021 में ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन PLI योजना को मंजूरी दी थी।

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