चीनी के रिकोर्ड उत्पादन और गिरते दाम कि वजह से करीबन २२,००० करोड़ रुप्योंके कर्ज के बोजतले दबे चीनी मिलों को राहत देते हुए चीनी का ३ मिलियन टन बफर स्टॉक निर्माण करना और न्यूनतम मूल्य तय करने हेतु खाद्यान्न मंत्रालयने केबिनेट नोट जारी किया है. पूर्व कृषि मंत्री शरद पवारजीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे ख़त में चीनी के गिरते दाम पर चिंता व्यक्त करते हुए कुछ सुझाव रखे थे. २०१७-१८ के मौसम के दौरान ३१.६ मिलियन टन रेकोर्ड चीनी का उत्पादन हुआ था.
प्रस्तुत समय में चीनी २५०० से २६०० रूपया प्रति क्विंटल दाम से बेचे जा रही है, जो चीनी कि सामान्य उत्पादन मूल्य से कम है. इस स्थिति का गंभीर परिणाम देखते हुए केंद्र सरकारने ३ मिलियन टन चीनी का बफर स्टॉक निर्माण करना, ३००० रुपया प्रति क्विंटल न्युनतम मूल्य तय करना, चीनी मीलों की स्टॉक मर्यादा तय करना और चीनी का मासिक रिलीज मेकेनिजम पुनर्स्थापित करना आदि उपायों पर विस्तृत मसौदा इस केबिनेट नोट में सम्मिलित किया है.
पूर्व कृषि मंत्री शरद पवारजीने चीनी मिलोंको आर्थिक संकट से बाहर निकालने केलिए मीलों को आर्थिक सहाय्यता मुहैया कराने के साथ ही इथेनोल के दाम बढ़ाना, मोलेसिस कि आवाजाई पर लगनेवाले विभिन्न प्रकार के टैक्स हटा देना आदी उपायों की सलाह दी थी. सूत्रों के मुताबिक़ इथेनोल के विषय पर पेट्रोलियम मंत्रालय और चीनी मिलोंको आर्थिक सहाय्यता देने के मामले पर वित्त मंत्रालय विचार कर रही है. केंद्र सरकारने चीनी का आयात शुल्क १०० प्रतिशत तक बढ़ाकर और २ मिलियन टन चीनी के निर्यात को अनुमति दे कर चीनी के गिरते दाम रोकने कि कोशिश कर है.