हरियाणा: गन्ना किसानों को बकाया भुगतान का इंतजार

करनाल : करनाल और कुरुक्षेत्र जिले के सैकड़ों गन्ना उत्पादक, जिन्होंने पिकाडिली चीनी मिल में अपनी उपज को पेराई के लिए बेच दिया है, पिछले लगभग दो महीनों से अपने बकाया का इंतजार कर रहे हैं। दोनों जिलों के चार विधानसभा क्षेत्रों इंद्री, लाडवा, कुरुक्षेत्र और नीलोखेड़ी से आने वाले किसानों ने आरोप लगाया कि बकाया लगभग 80 करोड़ रुपये है और वे इस संबंध में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे है।

द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना संघर्ष समिति हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामपाल चहल ने कहा, करनाल और कुरुक्षेत्र जिलों के 200 से अधिक गांवों के लगभग 4,000 किसानों के लगभग 80 करोड़ रुपये पिकाडिली चीनी मिल के प्रबंधन द्वारा अभी तक जारी नहीं किए गए है।

उन्होंने कहा कि, मिल प्रबंधन को 14 दिनों में भुगतान करना अनिवार्य है, लेकिन मिल द्वारा 17 फरवरी के बाद किसानों को भुगतान नहीं किया गया। किसानों के पास अब विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। चहल ने कहा, विरोध प्रदर्शन के लिए हम अपनी रणनीति तैयार करने के लिए एक-दो दिनों में किसानों की बैठक करेंगे। बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि, राज्य में सरकारी और निजी सहित लगभग सभी चीनी मिलों का बकाया करोड़ों में है। हम 27 अप्रैल को राज्य की सभी चीनी मिलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और मिल प्रबंधन को ज्ञापन सौंपेंगे। 14 दिनों में बकाया चुकाने का प्रावधान है, जिसके बाद किसानों को 15 फीसदी का ब्याज देना होता है। यदि 15 मई तक किसानों को ब्याज सहित बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो हम भादसों मिल के बाहर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उन्होंने मांग की कि, सरकार को चीनी मिलों के पास कितना भुगतान और ब्याज बकाया है, इस पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

भादसों मिल के यूनिट हेड राज सिंह ने कहा कि, लगभग 55 दिनों का बकाया है और उन्होंने किसानों का बकाया चुकाना शुरू कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि कितना बकाया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द बकाया चुका देंगे। उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि भुगतान क्यों नहीं हो रहा है इसकी जांच कराएंगे।

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