चीनी उद्योग ने एथेनॉल सोर्सिंग पर रोडमैप की मांग की

नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा, सरकार को चीनी उद्योग से एथेनॉल सोर्सिंग पर एक स्पष्ट रोडमैप लाना चाहिए। 1 नवंबर, 2022 से शुरू हुए मौजूदा एथेनॉल वर्ष में, लगभग 550 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया है और इसमें से 450 करोड़ लीटर चीनी उद्योग से आया है। शेष मक्का और क्षतिग्रस्त अनाज से था।

द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा, हमें (चीनी उद्योग को) 750 करोड़ लीटर उत्पादन करने के लिए क्षमता दोगुनी करने की आवश्यकता है। हमें और अधिक प्लांट्स लगाने की जरूरत है और इसके लिए पूंजीगत व्यय और समय की आवश्यकता है। हमें एक स्पष्ट रोडमैप की आवश्यकता है और कीमतें एफआरपी, मुद्रास्फीति, चीनी की कीमतों आदि को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक फॉर्मूले पर आधारित होनी चाहिए।

तेल कंपनियों ने क्षतिग्रस्त अनाज और मक्के से बनने वाले एथेनॉल के दाम बढ़ा दिए है। चीनी उद्योग को उम्मीद है कि अतिरिक्त एथेनॉल क्षमता बनाने के लिए लगभग ₹17,500 करोड़ के निवेश और उचित आरओआई की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, इसके लिए उसे मूल्य निर्धारण रोडमैप जानने की जरूरत है।

झुनझुनवाला ने कहा कि, सरकार को E100 ईंधन (शुद्ध एथेनॉल) पर भी ध्यान देना चाहिए, जो प्रासंगिक है और ब्राजील में उपलब्ध है। इसके अलावा, हमने बगास से एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से ISMA’ के साथ एक परीक्षण परियोजना के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, IOCL ने कृषि अवशेषों से एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पानीपत में एक परीक्षण किया है।

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