उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों का होगा आधुनिकीकरण; युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाए जाएँगे

लखनऊ, 30 नवम्बर: कृषि क्षेत्र में गन्ना और चीनी उद्योग किसानों की आर्थिक तरक्की के प्रतीक माने जाते है। देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में तक़रीबन 35 ज़िले गन्ना उत्पादक ज़िले है, जहां बड़े स्तर पर गन्ने की खेती की जाती है। गन्ना और चीनी उद्योग की इसी महत्ता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार सूबे के हर गन्ना उत्पादक ज़िले में गन्ना किसानों और चीनी उद्यमियों को आने वाली समस्याओं के समाधान करने के लिए प्रशासन को विशेष निर्देश दिए ताकि गन्ना पैराई सत्र में किसानों को और मिलों को कोली पेशानी न हो और इस मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई चूक न हो। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि गन्ना किसान और चीनी मिलें एक दूसरे की पूरक है। हमारी सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ चीनी मिलों को प्रोत्साहन देकर उनके वित्तीय उपार्जन का काम कर रही है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तत्कालीन सरकारों ने नीजि लाभ के लिए गन्ना किसानों को शोषण किया और चीनी मिलों को औने पाने दामों में बेच दिया शेष रही मिलों को बदहाली में छोड़ दिया। जिसके कारण कभी लाभ में चलने वाली चीनी मिलें भी बंद होने के कगार पर पहुँच गयी थी। 2017 में हमारी सरकार आयी हो तो हमने एक एक कर सभी चीनी मिलों का कायाकल्प करने का काम शुरु किया है। बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू किया और ज़रूरत के मुताबिक़ सालों से लम्बित पड़ी किसानों की माँग को मानते हुए नई चीनी मिलें भी लगाई। हमने चीनी मिलों को शुरु ही नहीं किया बल्कि उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने का काम किया है। मिलों में आय को श्रोत बढ़ाने के लिए इथेनॉल प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है। सस्ती दर पर ऋण दिया जा रहा है। महज़ दो साल में स्थिति से है कि पहले जिन चीनी मिलों के ताले लगे थे आज वो मिलें खुद बिजली पैदा कर रही है, गन्ना अवशेष से बायोगैस बना रही है, कम्पोष्ट खाद बना रही है ।पहले ये मिलें अपना खर्चा नहीं निकाल पा रही थी, आज इनका अपना खर्चा निकालने के बाद गन्ना किसानों का न केवल समय पर बकाया चुका रही है लाभांश भी दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि मुझे ज्ञात हुआ कि चीनी मिलें सीएसआर के तहत गाँवों के विकास के लिए भी काम कर रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी हाल ही में हमने पिपराईच चीनी मिल को शुरु किया है आने वाले दिनों में मुंडेरवा चीन मिल को चालू किया जाएगा। इन चीनी मिलों को आधुनिकत तकनीक से लैस कर उनमें डिस्टलरी लगायी जाएगी। चीनी मिलों तक आने जाने के रास्ते ख़राब है, सड़कें टूटी पड़ी है इनको दुरुस्त किया जाएगा और लिंक रोड से जोड़ा जाएगा ताकि आवागमन की सुविधा दुरुस्त हो। मुख्यमंत्री ने युवाओं के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्दता दोहराते हुए कहा कि चीनी मिलें रोजगार का भी बड़ा माध्यम है। बंद पड़ी चीनी मिलों को शुरु कर युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ाए जाएँगे।

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