बाजार की हालत को देखते हुए यह चीनी मिल अब 1 और 5 किलोग्राम के पैकेट में बेचेगी चीनी

रोहतक: कोरोना वायरस महामारी के कारण चीनी उद्योग पर काफी गहरा असर हुआ है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते घरेलू और वैश्विक बाजारों में चीनी बिक्री ठप हुई है, जिसका सीधा असर मिलों के राजस्व पर दिखाई दे रहा है। इस आर्थिक संकट से निजाद पाने के लिए चीनी मिलें राजस्व के नये नये अवसरों पर विचार कर रही है।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, रोहतक की भाली आंनदपुर चीनी मिल ने बाजार की डिमांड को देखते हुए अब छोटे पाउच और 1 और 5 किलोग्राम के पैकेट में चीनी बेचनी की योजना बनाई है। मिल प्रबंधन द्वारा पैकेट की छपाई व अन्य प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल इसे ट्रायल तौर पर शुरू किया जाएगा। अगर इसकी डिमांड बढ़ी तो इसे बड़े स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है।

मानव मलिक, एमडी, चीनी मिल, रोहतक ने कहा है की इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। महीने भर में यह उत्पाद बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।

आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक और चॉकलेट जैसे विविध प्रकार के उत्पादों के कन्फेक्शनरों और निर्माताओं से औद्योगिक इस्तेमाल के लिए मांग में गिरावट के कारण चीनी की बिक्री ठप है। इसके अलावा चीनी के उप-उत्पाद की बिक्री भी धीमी है जिससे चीनी मिलों के सामने राजस्व की समस्या पैदा हुई है। मार्च और अप्रैल में चीनी की बिक्री लॉकडाउन के कारण एक मिलियन टन कम थी। चीनी बिक्री न होने से चीनी मिलों के सामने गन्ना भुगतान करने की भी चिंता है।

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